एसबीआई कार लोन घोटाला: ईडी की छापेमारी में BMW, Mercedes और Land Rover जब्त
ईडी ने एसबीआई कार लोन घोटाले में फर्जी दस्तावेजों से लिए गए लोन का भंडाफोड़ कर लग्ज़री कारें जब्त कीं। जांच में पूर्व शाखा प्रबंधक और लोन एजेंट की साजिश उजागर हुई।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कार लोन घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई ज़ोनल यूनिट ने 25-26 नवंबर को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पुणे में कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान ईडी ने संदिग्ध दस्तावेज़, कई अचल संपत्तियों से जुड़े कागजात तथा BMW, Mercedes, Volvo और Land Rover जैसी कई लग्ज़री कारें जब्त कीं।
यह छापेमारी 12 आवासीय और कार्यालय परिसरों पर की गई, जिनमें कार डीलर और लोन लेने वाले आरोपी शामिल थे। जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उच्च मूल्य वाले कार लोन हासिल किए और बैंक को भारी नुकसान पहुंचाया।
ईडी की कार्रवाई में उस समय के एसबीआई यूनिवर्सिटी रोड ब्रांच, पुणे के प्रबंधक अमर कुलकर्णी को भी जांच के दायरे में लिया गया। आरोप है कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच कुलकर्णी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एसबीआई के ऑटो लोन काउंसलर आदित्य सेठिया और अन्य उधारकर्ताओं के साथ मिलकर साजिश रची और बिना दस्तावेज़ों की ठीक से जांच किए फर्जी और महंगे कार लोन को मंजूरी दी।
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कई मामलों में उधारकर्ताओं ने बैंक को inflated quotations यानी फर्जी व बढ़ी हुई कीमत वाले कोटेशन जमा कराए ताकि लोन राशि बढ़ाई जा सके। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से करोड़ों रुपये के कार लोन स्वीकृत किए गए।
ईडी ने जांच सीबीआई की एसीबी पुणे और शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए थे।
जांच से यह भी सामने आया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई लग्ज़री कारें खरीदी गईं और इसमें लोन एजेंट तथा शाखा प्रबंधक की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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