ईडी ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के ठिकानों पर की छापेमारी
ईडी ने फेमा उल्लंघन मामले में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर छापेमारी की। कंपनी ने कहा कि यह 15 साल पुराना मामला है और मौजूदा कारोबार पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के परिसरों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन के आरोपों को लेकर तलाशी अभियान चलाया। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पुराने मामलों से जुड़ी जांच के तहत की गई है।
ईडी ने कंपनी के विभिन्न कार्यालयों और संबद्ध इकाइयों से वित्तीय दस्तावेज, लेन-देन के रिकॉर्ड और अन्य अहम कागजात जब्त किए। अधिकारियों का कहना है कि यह तलाशी फेमा उल्लंघन की आशंका पर केंद्रित है, ताकि धन प्रवाह और विदेशी निवेश से संबंधित तथ्यों की पड़ताल की जा सके।
इस बीच, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि ईडी की यह सर्वे कार्रवाई 15 साल पुराने मामले से संबंधित है और इसका मौजूदा कारोबारी गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी ने कहा कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रही है और सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि ईडी की यह कार्रवाई वित्तीय अनुशासन और नियामकीय ढांचे के पालन को सुनिश्चित करने की दिशा में की गई है। पिछले कुछ वर्षों से प्रवर्तन एजेंसियां बड़े कॉर्पोरेट घरानों के पुराने वित्तीय मामलों की भी गहन जांच कर रही हैं, ताकि संभावित अनियमितताओं का पता लगाया जा सके।
कंपनी ने निवेशकों और हितधारकों को आश्वस्त किया कि इस कार्रवाई से उसकी मौजूदा परियोजनाओं या भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने यह भी कहा कि पारदर्शिता और नियमों का पालन करना उसकी प्राथमिकता है।
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