आयात घटाना और निर्यात बढ़ाना सबसे बड़ा राष्ट्रवाद है: गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि आयात घटाना और निर्यात बढ़ाना सबसे बड़ा राष्ट्रवाद है। ज्ञान और अनुसंधान में प्रगति देश को 'विश्वगुरु' बनाने में मदद करेगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसी भी देश के लिए आयात को कम करना और निर्यात को बढ़ाना सबसे बड़ा राष्ट्रवाद है। उन्होंने यह बात व्यापार, उद्योग और शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कही। गडकरी ने कहा कि जब देश आत्मनिर्भर बनता है और अपनी जरूरतों के लिए विदेशी उत्पादों पर निर्भर नहीं रहता, तब ही आर्थिक और सामाजिक स्तर पर मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है।
गडकरी ने आगे कहा कि एक ऐसा देश जो ज्ञान और अनुसंधान में आगे बढ़ता है, वह वैश्विक स्तर पर 'विश्वगुरु' के रूप में उभर सकता है। उन्होंने शिक्षा और नवाचार को राष्ट्रीय विकास से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि केवल आर्थिक वृद्धि पर्याप्त नहीं है; देश को विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान में भी उत्कृष्ट होना चाहिए।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए निर्यात बढ़ाने की दिशा में और प्रयास करने होंगे। इसके लिए नवाचार, तकनीकी प्रगति और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब युवा वैज्ञानिक, शोधकर्ता और उद्यमी शिक्षा और नवाचार को राष्ट्रीय हितों से जोड़ेंगे, तभी देश का समग्र विकास और वैश्विक प्रभाव सुनिश्चित हो सकेगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि गडकरी का यह दृष्टिकोण केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता, वैश्विक नेतृत्व और सामाजिक प्रगति के लिए भी मार्गदर्शक है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को यह समझना चाहिए कि जब हम आयात घटाते हैं और निर्यात बढ़ाते हैं, तो हम न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि देश की राष्ट्रीय आत्मा और सम्मान को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
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