पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत गुजरात में दो वर्षों में 1.81 लाख कारीगर प्रशिक्षित
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत गुजरात में दो वर्षों में 1.81 लाख कारीगर प्रशिक्षित हुए, 43,000 से अधिक लाभार्थियों को ₹390 करोड़ से अधिक के ऋण स्वीकृत हुए।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत गुजरात में पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को नई दिशा देने के प्रयासों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार और केंद्र की साझेदारी से पिछले दो वर्षों में 1.81 लाख से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षित किया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत अब तक 43,000 से अधिक लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत किया गया है। ऋण स्वीकृति की कुल राशि ₹390 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जिससे कारीगरों को न केवल आधुनिक उपकरण प्राप्त करने में मदद मिली है, बल्कि अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर भी मिला है।
यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों को कवर करती है, जिनमें बढ़ईगिरी, लोहारगीरी, कुम्हारकला, सिलाई-कढ़ाई, राजमिस्त्री, खिलौना निर्माण, टोकरियाँ बनाना सहित अन्य शिल्प शामिल हैं। इन व्यवसायों में लगे कारीगरों को प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और विपणन समर्थन देकर आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से न केवल कारीगरों का जीवनस्तर सुधरेगा, बल्कि ग्रामीण और अर्धशहरी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही, स्थानीय और पारंपरिक कला एवं शिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में और अधिक कारीगरों को इस योजना से जोड़ा जाए, ताकि पारंपरिक शिल्पकला को संरक्षित करते हुए नई पीढ़ी को रोजगार के अवसर मिलें।
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