हरियाणा IPS अधिकारी के शव परीक्षण में सात दिन की देरी, परिवार ने DGP और पूर्व SP की गिरफ्तारी की मांग की
हरियाणा IPS अधिकारी के पोस्टमार्टम में सात दिन की देरी हुई। परिवार ने DGP और पूर्व SP की गिरफ्तारी की मांग की। SIT ने पत्नी से शव की पहचान के लिए कहा।
हरियाणा में एक IPS अधिकारी के निधन के मामले में शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) सात दिनों तक स्थगित रहा, जिससे अधिकारी के परिवार में भारी रोष और चिंता बनी हुई है। मृतक अधिकारी के परिवार ने DGP और पूर्व SP की गिरफ्तारी की मांग की है, जिन पर उनकी मौत से जुड़े मामले में संदेह है।
इस बीच, मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मृतक अधिकारी की पत्नी को पत्र भेजा है। पत्र में उन्हें अनुरोध किया गया है कि वह जल्द से जल्द शव की पहचान के लिए आगे आएं, ताकि पोस्टमार्टम (PME) कराया जा सके। SIT ने स्पष्ट किया कि शव परीक्षण से मामले में सभी तथ्यों का निष्पक्ष और सही तरीके से पता लगाया जा सकेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप और शव परीक्षण में देरी ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है। मृतक अधिकारी के परिवार का कहना है कि सत्य और न्याय स्थापित करने के लिए सभी जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने DGP और पूर्व SP पर मौत से जुड़े मामलों में लापरवाही और संभावित साजिश का आरोप लगाया है।
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इस मामले ने हरियाणा पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार और समाज के लोग चाहते हैं कि जांच पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जाए और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाए।
विश्लेषकों का मानना है कि पोस्टमार्टम और जांच में देरी न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा को प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसे शीघ्र और सही तरीके से पूरा करना आवश्यक है।
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