इंडिगो उड़ान व्यवधान मामला: जांच पैनल ने डीजीसीए को सौंपी रिपोर्ट
इंडिगो में बड़े उड़ान व्यवधानों की जांच करने वाले पैनल ने डीजीसीए को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पायलट ड्यूटी नियमों के कमजोर क्रियान्वयन और योजना की कमी की जांच की गई।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर उड़ान व्यवधानों की जांच करने वाले चार सदस्यीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सौंप दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह जांच समिति डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रह्माने की अध्यक्षता में गठित की गई थी।
अधिकारी के अनुसार, समिति ने शुक्रवार (26 दिसंबर) की शाम अपनी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंप दी। सूत्रों ने बताया कि इस रिपोर्ट की प्रतियां नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू और नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा के कार्यालय को भी भेजी गई हैं। हालांकि, रिपोर्ट के विस्तृत निष्कर्षों के बारे में तत्काल कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इस जांच समिति का गठन 5 दिसंबर को किया गया था, ताकि इंडिगो में हुए व्यापक उड़ान व्यवधानों के कारणों की गहन समीक्षा और मूल्यांकन किया जा सके। ब्रह्माने के अलावा इस पैनल में डीजीसीए के उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मंगलिक और उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन रामपाल शामिल थे।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में इंडिगो को एक ही दिन में 1,600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। इन व्यवधानों का मुख्य कारण संशोधित पायलट विश्राम नियमों (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन – एफडीटीएल) को लागू करने में अपर्याप्त योजना को माना गया था। इसके बाद डीजीसीए ने इंडिगो को अपने शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में 10 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश दिया था और एयरलाइन के सीईओ पीटर एल्बर्स तथा सीओओ इसिड्रे पोर्केरास को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
डीजीसीए के आदेश में कहा गया था कि प्रारंभिक तौर पर यह स्थिति आंतरिक निगरानी, परिचालन तैयारी और अनुपालन योजना में कमियों की ओर इशारा करती है, जिसके चलते स्वतंत्र जांच आवश्यक हो गई। नियामक ने यह भी कहा कि एफडीटीएल नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में एयरलाइन असफल रही, जिससे नवंबर 2025 के अंत से लगातार देरी और उड़ान रद्द होने की घटनाएं बढ़ीं और यात्रियों को भारी असुविधा हुई।
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