×
 

बिहार में महागठबंधन की हार पर JMM का बयान: तेजस्वी को हेमंत सोरेन से मदद मांगनी चाहिए थी

JMM ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की हार टाली जा सकती थी यदि तेजस्वी यादव ने दलित-आदिवासी समुदायों की राजनीति समझते हुए हेमंत सोरेन से मदद मांगी होती।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में महागठबंधन की हार टाली जा सकती थी, अगर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दलित और आदिवासी समुदायों की राजनीति और पीड़ा को समझते हुए झारखंड से समर्थन मांगा होता।

भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में कहा कि यदि तेजस्वी जी रांची आते और "हारे का सहारा, हेमंत सोरेन हमारा" मंत्र का उच्चारण करते, जैसे राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में भक्त मंत्र जाप करते हैं, तो चुनाव परिणाम पूरी तरह बदल सकते थे। यह बयान JMM की ओर से घाटशिला उपचुनाव में बड़ी जीत के बाद आया।

JMM प्रवक्ता ने कहा कि बिहार का जनादेश नहीं, बल्कि “ज्ञानादेश” था, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और चुनाव आयोग (EC) द्वारा तैयार किया गया। उनका कहना था कि महागठबंधन की हार में बाहरी दबाव और राजनीतिक हेरफेर की बड़ी भूमिका रही।

और पढ़ें: चुनाव आयोग भारत को लोकतांत्रिक पतन की ओर धकेल रहा है: SIR पर DMK मंत्री का आरोप

भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार में केवल चुनावी रणनीति पर भरोसा नहीं करना चाहिए था, बल्कि पड़ोसी राज्यों से सामूहिक समर्थन भी लेना चाहिए था। उन्होंने बताया कि आदिवासी और दलित वोटों की अनदेखी महागठबंधन के लिए नुकसानदायक साबित हुई।

JMM की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी बिहार के चुनाव परिणामों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव के रणनीतिक निर्णयों पर असंतोष व्यक्त कर रही है।

भट्टाचार्य ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में महागठबंधन को जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुनाव रणनीति बनानी चाहिए, ताकि इस तरह की हार दोहराई न जा सके।

और पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर से कुछ नहीं निकला: जम्मू-कश्मीर विस्फोट पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share