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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेघालय में 650 करोड़ की एकीकृत सोहरा पर्यटन सर्किट परियोजना की नींव रखी

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेघालय के सोहरा में ₹650 करोड़ की पर्यटन परियोजना की नींव रखी। इससे सतत पर्यटन, कनेक्टिविटी और रोजगार को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शनिवार को मेघालय के सोहरा में प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (PM-DevINE) के तहत एकीकृत सोहरा पर्यटन सर्किट परियोजना की नींव रखी। इस अवसर पर उन्होंने ₹233 करोड़ की कई अन्य डोनर (DoNER) परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा, वरिष्ठ अधिकारी और पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सिंधिया ने मेघालय को “धरती पर स्वर्ग, बादलों और झरनों की भूमि” बताते हुए कहा कि यह परियोजना सोहरा को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक सस्टेनेबल और अनुभवात्मक पर्यटन मॉडल के रूप में स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल मेघालय को एक जुड़ा हुआ, आत्मविश्वासी और प्रतिस्पर्धी राज्य बनाएगी।

सिंधिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में पूर्वोत्तर क्षेत्र “लैंडलॉक्ड” से “लैंड-लिंक्ड पावरहाउस” में परिवर्तित हुआ है। केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में ₹6.2 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जिससे कनेक्टिविटी, व्यापार और रोज़गार में तेजी आई है।

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₹650 करोड़ की इस परियोजना में ₹221 करोड़ डोनर मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे हैं। परियोजना का मुख्य आकर्षण कुटमादन स्थित सोहरा एक्सपीरियंस सेंटर (₹115 करोड़) है, जो मेघालय की जनजातीय संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करेगा। साथ ही नोकालिकाई फॉल्स (₹26 करोड़), मॉसमाई ईको पार्क (₹29 करोड़), सेवन सिस्टर्स फॉल्स, शेला रिवरसाइड डेवलपमेंट और वहकालियार कैन्यन जैसे स्थलों का विकास किया जाएगा।

इन परियोजनाओं से पर्यटन व्यय में छह गुना वृद्धि और 4,600 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। सिंधिया ने कहा, “मेघालय में पर्यटक की पहली मुस्कान किसी स्थानीय परिवार की पहली आय बनेगी।”

उन्होंने कहा कि यह प्रयास केवल ढांचा निर्माण नहीं, बल्कि भविष्य निर्माण की दिशा में कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य के सहयोग से मेघालय पूर्वोत्तर के विकास और विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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