कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला माओवादी लक्ष्मी पूजार्थी को तीन मामलों में जमानत दी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला माओवादी लक्ष्मी पूजार्थी को तीन पुराने मामलों में जमानत दी। वह फरवरी में आत्मसमर्पण कर चुकी हैं और अब कानून के तहत स्वतंत्र हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले महीने लक्ष्मी पूजार्थी उर्फ थोंबट्टु लक्ष्मी को उनके खिलाफ दर्ज तीन मामलों में जमानत दी। लक्ष्मी ने इस वर्ष फरवरी में सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।
कर्नाटक में माओवादी आंदोलन के अंतिम सक्रिय सदस्यों में से कई ने जनवरी और फरवरी में आत्मसमर्पण किया। लक्ष्मी के खिलाफ दर्ज मामले 2007 से 2010 के बीच के हैं। इन मामलों में आरोप है कि उन्होंने हैंडबिल और बैनर लगाए, उदुपी के हांजा गांव में आदिवासियों द्वारा वन उत्पाद इकट्ठा करने में रुकावट डालने वाले व्यक्ति को धमकाया, और प्राधिकरण के साथ गोलीबारी की।
ये मामले भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, और अवैध गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज किए गए थे। कोर्ट ने जमानत देने के साथ यह ध्यान रखा कि लक्ष्मी ने पहले ही सशर्त आत्मसमर्पण कर दिया है और अब वह कानून का पालन करेंगी।
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सर्वोच्च न्यायालय और राज्य हाईकोर्ट की निगरानी में माओवादी सदस्यों का आत्मसमर्पण और मामलों में जमानत देना शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे सरकार और माओवादी समूह के बीच भरोसा बढ़ाने और हिंसा कम करने में मदद मिली है।
इस निर्णय के साथ ही लक्ष्मी पूजार्थी अब कानूनी प्रक्रियाओं के तहत स्वतंत्र रहेंगी और न्यायिक प्रणाली के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन करेंगी।
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