केरल में मेडिकल स्नातकों ने पंजीकरण में देरी पर जताई नाराजगी
केरल के मेडिकल स्नातकों ने पंजीकरण में देरी पर नाराजगी जताई। KSMC अध्यक्ष के अनुसार थोक आवेदन और दस्तावेज़ों की खामियां देरी का कारण हैं, प्रक्रिया तेज करने के प्रयास जारी हैं।
केरल के मेडिकल स्नातकों ने केरल स्टेट मेडिकल काउंसिल (KSMC) से पंजीकरण प्राप्त करने में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पंजीकरण की प्रक्रिया लंबी खिंच रही है, जिससे उनके करियर की शुरुआत प्रभावित हो रही है।
कई स्नातकों का आरोप है कि समय पर पंजीकरण न मिलने के कारण उन्हें अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यभार ग्रहण करने में दिक्कत आ रही है। कुछ छात्रों ने कहा कि पंजीकरण में देरी होने से उनकी पोस्टिंग और प्रशिक्षण भी प्रभावित हो रहा है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल स्टेट मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि देरी का मुख्य कारण आवेदनों का थोक में आना और दस्तावेज़ों में खामियां होना है। उन्होंने बताया कि कई आवेदनों में जरूरी प्रमाणपत्र अधूरे या गलत तरीके से संलग्न किए गए हैं, जिसके कारण उन्हें बार-बार जांच करनी पड़ रही है।
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अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि काउंसिल पंजीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की मदद ले रही है और छात्रों से अपील की है कि वे सही दस्तावेज़ों के साथ आवेदन जमा करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी योग्य उम्मीदवारों को जल्द से जल्द पंजीकरण प्रदान किया जाएगा।
मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि पंजीकरण में देरी से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि नए डॉक्टरों की तैनाती में बाधा आती है। उन्होंने राज्य सरकार और मेडिकल काउंसिल से इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने की मांग की है।
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