लखीमपुर खीरी हिंसा: सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया कि आशिष मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ गवाह को धमकाने का FIR दर्ज
सर्वोच्च न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशिष मिश्रा को दिवाली पर लखीमपुर जाने की अनुमति दी। उनके खिलाफ गवाह धमकाने का FIR दर्ज किया गया है।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया कि आशिष मिश्रा और अन्य के खिलाफ गवाह को धमकाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह जानकारी कोर्ट में पेश की गई और मामले की सुनवाई के दौरान इस पर चर्चा हुई।
सर्वोच्च न्यायालय ने आशिष मिश्रा को दिवाली के लिए लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उन्हें 22 अक्टूबर तक वापस लौटना होगा। यह कदम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और त्योहार के अवसर को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
इस मामले में आशिष मिश्रा और अन्य पर यह आरोप है कि उन्होंने गवाहों को धमकाया और प्रभावित करने का प्रयास किया, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती थी। अदालत ने यह सुनिश्चित करने के लिए FIR की जानकारी मांगी और मामले की गंभीरता को रेखांकित किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न्यायिक प्रक्रिया और कानून के शासन के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं। अदालत का निर्देश आशिष मिश्रा को दिवाली के अवसर पर परिवार के साथ रहने की अनुमति देने के साथ-साथ अनुशासन और समयबद्ध लौटने की शर्त भी रखता है।
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से यह संदेश गया है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानून का पालन दोनों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। साथ ही, गवाहों को धमकाने जैसे मामलों पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले की अगली सुनवाई में अदालत को FIR और गवाहों से संबंधित सभी दस्तावेज़ों और तथ्यों की समीक्षा करनी होगी, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।