मानव-हाथी टकराव रोकने हेतु कोयंबटूर वनों में स्टील वायर फेंसिंग को मद्रास हाईकोर्ट की मंजूरी
मद्रास हाईकोर्ट ने कोयंबटूर वनों में मानव-हाथी संघर्ष रोकने हेतु स्टील वायर फेंसिंग की अनुमति दी, लेकिन हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया।
मद्रास हाईकोर्ट ने कोयंबटूर के वनों में मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए स्टील वायर फेंसिंग लगाने की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार और डी. भारत चक्रवर्ती की पीठ ने इस फैसले को सुनाते हुए स्पष्ट किया कि परियोजना पर अदालत की सतत निगरानी बनी रहेगी। यदि इस प्रक्रिया से हाथियों या अन्य वन्यजीवों को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचता है, तो अदालत उचित निर्देश जारी करेगी।
कोयंबटूर और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से मानव-हाथी संघर्ष गंभीर समस्या बनी हुई है। हाथियों के गांवों और कृषि भूमि में घुस आने से फसल नुकसान, संपत्ति नष्ट होने और कई बार मानव जीवन हानि की घटनाएं होती रही हैं। वहीं, ग्रामीणों द्वारा हाथियों को भगाने या रोकने के प्रयास में वन्यजीव भी घायल या मृत हो जाते हैं।
सरकार और वन विभाग ने अदालत के समक्ष दलील दी कि स्टील वायर फेंसिंग मानव और हाथियों के बीच एक सुरक्षित अवरोधक के रूप में काम करेगी। यह पारंपरिक बिजली वाले बाड़ की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित है और इससे हाथियों को कम से कम हानि होगी।
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अदालत ने इस पहल को अनुमति देते हुए यह भी कहा कि हाथियों की आवाजाही और उनकी पारंपरिक मार्गों (एलीफेंट कॉरिडोर) का ध्यान रखा जाए, ताकि उनके प्राकृतिक आवास और प्रवास में बाधा न उत्पन्न हो।
वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम तभी सफल होगा जब इसे पर्यावरणीय संतुलन और हाथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देकर लागू किया जाए।
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