मद्रास हाईकोर्ट ने सवुक्कु शंकर को एडीजीपी डेविडसन देवासिरवथम की मानहानि से रोका
मद्रास हाईकोर्ट ने सिवगंगा हिरासत मौत मामले में यूट्यूबर ‘सवुक्कु’ शंकर को एडीजीपी डेविडसन देवासिरवथम की मानहानि करने से रोका। अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा जारी कर झूठी सूचनाएं फैलाने पर चेतावनी दी।
मद्रास हाईकोर्ट ने यूट्यूबर ‘सवुक्कु’ शंकर को सिवगंगा हिरासत मौत मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) डेविडसन देवासिरवथम की मानहानि करने से रोकने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति के. कुमारेश बाबू ने यह अंतरिम आदेश तब पारित किया जब एडीजीपी ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई कि सवुक्कु शंकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक बयान फैला रहे हैं। एडीजीपी ने आरोप लगाया कि यूट्यूबर जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर जनता को गुमराह कर रहा है, जिससे उनकी पेशेवर छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है।
अदालत ने कहा कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी की मानहानि करने या झूठी सूचनाएं फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति ने अंतरिम निषेधाज्ञा (interim injunction) जारी करते हुए सवुक्कु शंकर को चेतावनी दी कि मामले की आगे की सुनवाई तक वे एडीजीपी के खिलाफ कोई अपमानजनक या मानहानिकारक टिप्पणी न करें।
और पढ़ें: जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव 21 जुलाई को लेंगे मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ
सिवगंगा हिरासत मौत का मामला हाल ही में सुर्खियों में आया था, जिसमें पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, एडीजीपी का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
अदालत ने कहा कि जनता को गुमराह करने वाली किसी भी गतिविधि पर रोक लगाई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न्याय प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।
और पढ़ें: नापा ने पंजाब सरकार से लैंड पूलिंग स्कीम वापस लेने की मांग की