आरबीआई से लाइसेंस न मिलने पर महाराष्ट्र एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी बंद करने का फैसला
आरबीआई से लाइसेंस न मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में बनी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बंद करने का फैसला किया, जिसमें राज्य ने 300 करोड़ रुपये निवेश किए थे।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार (4 नवंबर, 2025) को महाराष्ट्र एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह कंपनी वर्ष 2022 में राज्य सरकार की असफल और संकटग्रस्त परिसंपत्तियों (distressed assets) के पुनर्गठन, उन्नयन और निपटान के उद्देश्य से बनाई गई थी।
यह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में गठित नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) के मॉडल पर बनाई गई थी। राज्य सरकार ने इसमें 300 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी निवेश की थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस राज्य स्तरीय एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को संचालन के लिए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है। अधिकारी ने कहा, “आरबीआई की अनुमति के बिना यह कंपनी कानूनी रूप से कार्य नहीं कर सकती। इसलिए मंत्रिमंडल ने इसे बंद करने का निर्णय लिया ताकि इस पर अनावश्यक खर्च को रोका जा सके।”
और पढ़ें: आईआईटी गांधीनगर और भारतीय सेना में समझौता: आयुध अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए साझेदारी
कंपनी का एक प्रमुख उद्देश्य महाराष्ट्र की सहकारी चीनी मिलों, बीमार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों तथा मराठवाड़ा, विदर्भ और कोंकण विकास निगमों के अधीन निष्क्रिय औद्योगिक परिसंपत्तियों को सहायता देना था।
हालांकि, आरबीआई से लाइसेंस न मिलने के बाद अब यह योजना अमल में नहीं लाई जा सकेगी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कंपनी को बंद करना एक “आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण निर्णय” है जिससे सरकारी धन की बचत होगी और प्रशासनिक खर्चों में कटौती की जा सकेगी।
मंत्रिमंडल के इस फैसले से राज्य की वित्तीय पुनर्गठन योजनाओं को झटका लगा है, लेकिन सरकार का कहना है कि भविष्य में वैकल्पिक संरचनाओं पर विचार किया जाएगा।