महाराष्ट्र बना देश का पहला राज्य जिसने परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए समझौता किया
महाराष्ट्र ने महाजेनको–एनपीसीआईएल समझौते के साथ परमाणु ऊर्जा उत्पादन में भागीदारी आरंभ की। यह कदम स्वच्छ, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर ऊर्जा मिशन को मजबूत करेगा।
महाराष्ट्र ने देश में इतिहास रचते हुए परमाणु ऊर्जा उत्पादन में भागीदारी करने वाला पहला राज्य बनकर नई ऊर्जा नीति की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी निवास ‘वर्षा’ पर महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के बीच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह MoU महाजेनको के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी और एनपीसीआईएल के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक बी. सी. पाठक द्वारा औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया। इस समझौते के साथ ही राज्य अब परमाणु ऊर्जा उत्पादन में प्रत्यक्ष भागीदारी करेगा, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में नए निवेश, रोजगार और उन्नत तकनीक के अवसर खुलेंगे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और इस विकास की मुख्य नींव स्वच्छ एवं विश्वसनीय ऊर्जा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस नीति का उल्लेख किया, जो भारत को "ऊर्जा आत्मनिर्भर और स्वच्छ ऊर्जा सक्षम राष्ट्र" बनाने की दिशा में केंद्रित है। फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार की इस पहल से राज्यों की भूमिका बढ़ी है और महाराष्ट्र का यह समझौता अन्य राज्यों के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगा।
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परमाणु ऊर्जा को दीर्घकालिक और स्थिर ऊर्जा स्रोत माना जाता है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस साझेदारी से बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और उद्योगों को अधिक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति मिल सकेगी। यह कदम न केवल महाराष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा मिशन को भी गति देगा।
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