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महात्मा गांधी की पद्धति आज भी अत्यंत प्रासंगिक है: भिखु पारेख

भिखु पारेख के अनुसार महात्मा गांधी की पद्धति आज भी प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री मोदी सक्षम हैं, लेकिन महानता देश की संरचनात्मक कमियों को दूर करने में निहित है।

ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य और राजनीतिक विचारक भिखु पारेख ने महात्मा गांधी की पद्धति को आज भी अत्यंत प्रासंगिक बताया है। पारेख के अनुसार, गांधीजी हमें दूसरों की दृष्टि से दुनिया को देखने और समझने की प्रेरणा देते हैं। उनका मानना है कि गांधी का दृष्टिकोण केवल अहिंसा और सत्य के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक सोच को गहराई से समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भिखु पारेख ने ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन की स्थिति को मान्यता देने पर कहा कि यह कदम प्रतीकात्मक वैधता प्रदान करता है, लेकिन वास्तव में इससे किसी भी तरह की कानूनी या नैतिक जिम्मेदारी उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रतीकात्मक कदमों की तुलना में ठोस कार्रवाई की अधिक अहमियत है।

पारेख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्हें सक्षम और कुशल नेता बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महानता केवल क्षमता और दक्षता तक सीमित नहीं होती। किसी नेता की वास्तविक महानता तब मानी जाती है जब वह देश की संरचनात्मक कमियों को दूर करने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने में सफलता प्राप्त करता है।

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उनके अनुसार, गांधी की पद्धति आज के युग में भी लोगों और नेताओं के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकती है। यह दृष्टिकोण हमें न केवल राजनीतिक निर्णयों में बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी नैतिक और प्रभावी निर्णय लेने में मदद करता है।

भिखु पारेख का यह संदेश महात्मा गांधी की सोच और मूल्य की समयानुसार प्रासंगिकता को रेखांकित करता है और यह स्पष्ट करता है कि उनकी शिक्षाएं आज भी आधुनिक समाज और राजनीति के लिए उपयोगी हैं।

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