H-1B वीज़ा आवेदन शुल्क बढ़ाने के कदम के पूर्ण प्रभावों का अध्ययन जारी : MEA
MEA ने कहा कि H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि के पूर्ण प्रभावों का अध्ययन जारी है। भारतीय उद्योग ने प्रारंभिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है और स्थिति का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि H-1B वीज़ा आवेदन शुल्क में वृद्धि के कदम के पूर्ण प्रभावों का अध्ययन जारी है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय आईटी और तकनीकी उद्योग इस मुद्दे को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।
MEA के बयान में कहा गया कि भारतीय उद्योग ने पहले ही प्रारंभिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है, जिसमें H-1B प्रोग्राम से जुड़े कुछ गलतफहमियों और धाराओं को स्पष्ट किया गया है। उद्योग का कहना है कि शुल्क वृद्धि और नए नियमों के कारण भारतीय पेशेवरों और कंपनियों पर संभावित आर्थिक और व्यावसायिक असर पड़ सकता है।
विशेष रूप से, $1,00,000 तक H-1B शुल्क बढ़ाने की योजना से आईटी कंपनियों के ऑपरेशंस, रोजगार अवसर और वैश्विक परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है। MEA ने यह स्पष्ट किया कि भारत सरकार स्थिति का सावधानीपूर्वक अध्ययन कर रही है और इसके परिणामों के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
और पढ़ें: कांग्रेस ने ट्रंप के $1,00,000 वार्षिक H-1B वीज़ा शुल्क पर मोदी को कमज़ोर पीएम करार दिया
साथ ही, मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संवाद जारी रहेगा ताकि इस तरह के कदमों के प्रभाव को कम किया जा सके और भारतीय तकनीकी पेशेवरों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
विश्लेषकों का मानना है कि H-1B शुल्क वृद्धि के मुद्दे पर भारत सरकार की सक्रिय निगरानी और प्रारंभिक अध्ययन यह दर्शाते हैं कि सरकार उद्योग और पेशेवरों के हितों को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण कर रही है।
MEA ने भारतीय कंपनियों और पेशेवरों से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध किया और कहा कि आगे की रणनीति और सुझावों पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
और पढ़ें: H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ेगा असर, नैसकॉम ने जताई चिंता