मेघालय में कोयला गायब होने की जांच शुरू, 3,960 मीट्रिक टन कोयला लापता
मेघालय में दो सरकारी डिपो से लगभग 3,960 मीट्रिक टन कोयला लापता पाया गया। हाई कोर्ट समिति ने अवैध खनन और चोरी की आशंका जताई, राज्य सरकार ने जांच टीम गठित की।
मेघालय में दो सरकारी कोयला डिपो से हजारों टन कोयले के गायब होने की जांच शुरू कर दी गई है। हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि 3,960.95 मीट्रिक टन कोयला, जिसे पहले निकाला और सूचीबद्ध घोषित किया गया था, रहस्यमय तरीके से लापता हो गया है।
समिति ने बताया कि यह कोयला राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दो आधिकारिक भंडारण स्थलों पर रखा गया था। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि वहां पर घोषित मात्रा का कोयला मौजूद ही नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोयले के इस तरह से गायब होने से यह संकेत मिलता है कि या तो अवैध खनन या कोयले की चोरी का संगठित नेटवर्क सक्रिय है। समिति ने राज्य सरकार और खनन विभाग से इस मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की सिफारिश की है।
और पढ़ें: तेलंगाना सरोगेसी घोटाला: बच्चा बेचने के गोरखधंधे का खुलासा
मेघालय में कोयले का अवैध खनन और परिवहन पहले से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है। हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कई बार राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है, लेकिन इस घटना ने निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य प्रशासन ने जांच के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया है। इसमें पुलिस, खनन विभाग और न्यायिक अधिकारियों को शामिल किया गया है, ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
और पढ़ें: पहाड़ों का गायब होना दुखद, लेकिन बदलाव संभव: पर्यावरणविद माधव गाडगिल