चंडीगढ़ पर प्रस्ताव से प्रशासनिक ढांचा नहीं बदलेगा, अंतिम निर्णय लंबित: गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 में शामिल करने का कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। प्रस्ताव केवल विचाराधीन है और प्रशासनिक ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्रालय (MHA) ने रविवार (23 नवंबर 2025) को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत लाने के लिए किसी संवैधानिक संशोधन विधेयक को अभी पेश करने का कोई इरादा नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने संबंधी प्रस्ताव अभी केवल विचाराधीन है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब संविधान (131वां संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है। प्रस्तावित मसौदा चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल करने की बात करता है, जिससे इसे अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के अनुरूप लाया जा सके। अनुच्छेद 240 उन केंद्रशासित प्रदेशों से संबंधित है जहां राष्ट्रपति को राज्यपाल की तरह अध्यादेश जारी करने या कानून बनाने की विशेष शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
हालाँकि, गृह मंत्रालय ने कहा कि यह प्रस्ताव किसी भी प्रकार से चंडीगढ़ की मौजूदा प्रशासनिक संरचना को प्रभावित नहीं करता और अगर कोई परिवर्तन किया भी गया तो वह केवल कानून निर्माण प्रक्रिया के तकनीकी पहलुओं को सरल बनाने के लिए होगा। मंत्रालय ने दोहराया कि चंडीगढ़ की मौजूदा स्थिति यथावत बनी रहेगी और किसी बड़े बदलाव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
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सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मसौदा प्रस्ताव सिर्फ आंतरिक विचार-विमर्श का हिस्सा है और न तो इसे अंतिम रूप दिया गया है और न ही संसद में पेश करने का निर्णय हुआ है। मंत्रालय ने कहा, “चंडीगढ़ के लिए कानून निर्माण प्रक्रिया को सरल करने का प्रस्ताव अभी समीक्षा के चरण में है।”
यह बयान उन राजनीतिक आशंकाओं को शांत करने की कोशिश माना जा रहा है, जिनमें कहा जा रहा था कि केंद्र चंडीगढ़ की संवैधानिक स्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है।
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