गृह मंत्रालय ने CAA लाभार्थियों की जानकारी साझा करने से किया इनकार
गृह मंत्रालय ने आरटीआई के तहत नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लाभार्थियों की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। एक सांसद ने नियमों में ढील और कट-ऑफ तिथि बदलने की मांग की।
गृह मंत्रालय (MHA) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत लाभ प्राप्त करने वालों की जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ द्वारा जून 2024 और सितंबर 2024 में दायर की गई दो अलग-अलग आरटीआई याचिकाओं के जवाब में मंत्रालय ने यह जानकारी देने से मना कर दिया।
CAA, जिसे 2019 में संसद से पारित किया गया था, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से लागू किया गया था। हालांकि, इस अधिनियम की अधिसूचना मार्च 2024 में जारी की गई थी और उसके बाद नागरिकता के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी।
इस बीच, पश्चिम बंगाल से एक सांसद ने संसद में CAA के नियमों में ढील दिए जाने और वर्तमान कट-ऑफ तिथि में संशोधन की मांग की है। उनका कहना है कि कई वास्तविक शरणार्थी मौजूदा नियमों के कारण नागरिकता से वंचित रह जा रहे हैं।
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गृह मंत्रालय द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी न देने के फैसले से पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों का मानना है कि इस तरह की जानकारी छिपाना सार्वजनिक हित के खिलाफ है और इससे नीति के क्रियान्वयन में अस्पष्टता बनी रहती है।
CAA को लेकर अब भी देश के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक और सामाजिक बहस जारी है।
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