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म्यूचुअल फंड निवेश में तेजी: महिलाएँ और छोटे शहरों के निवेशक आगे

म्यूचुअल फंड निवेशकों में हर चार में से एक महिला है और टियर-2 व टियर-3 शहरों से भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने निवेश संस्कृति को नई दिशा दी।

भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और निवेशकों की नई प्रोफ़ाइल सामने आ रही है। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, हर चार निवेशकों में से एक महिला है। यह दर्शाता है कि महिलाएँ अब वित्तीय प्रबंधन और निवेश निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि रोजगार, शिक्षा और डिजिटल बैंकिंग की उपलब्धता ने महिलाओं को निवेश के प्रति अधिक जागरूक और आत्मनिर्भर बनाया है। इससे म्यूचुअल फंड उद्योग को विविध निवेशकों का आधार प्राप्त हो रहा है।

इसके साथ ही, टियर-2 और टियर-3 शहरों से निवेशकों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है। पहले म्यूचुअल फंड निवेश को महानगरों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब छोटे और मध्यम शहरों के लोग भी इसे दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण का साधन मान रहे हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन निवेश विकल्पों ने इस प्रवृत्ति को और मजबूत किया है।

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उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे शहरों से निवेश बढ़ने का कारण वहाँ वित्तीय साक्षरता अभियान और मोबाइल बैंकिंग का प्रसार है। इसके अलावा, लोग पारंपरिक बचत साधनों की बजाय अब शेयर बाज़ार और म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।

यह बदलाव भारत के वित्तीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। इससे न केवल म्यूचुअल फंड उद्योग का आकार बढ़ेगा, बल्कि निवेश संस्कृति भी अधिक समावेशी और संतुलित बनेगी।

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