नए मार्ग से नासिक-पुणे को मिलेगी सीधी रेल कनेक्टिविटी, जीएमआरटी ज़ोन से बचते हुए नया संरेखण प्रस्तावित
नासिक-पुणे हाई-स्पीड रेल के लिए नया मार्ग GMRT ज़ोन से बचते हुए तय किया गया है, जो शिरडी, चाकन और पुणे को जोड़कर पर्यटन, उद्योग और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा।
भारतीय रेलवे ने नासिक–पुणे हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए नए मार्ग संरेखण का प्रस्ताव दिया है, जिससे दोनों शहरों के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी संभव होगी। यह नया मार्ग नारायणगांव के पास स्थित GMRT (जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप) प्रतिबंधित क्षेत्र से बचते हुए तय किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में इसकी पुष्टि की।
पहले प्रस्तावित मार्ग GMRT वेधशाला के पास से गुजरता था, जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग ने अस्वीकार किया था, क्योंकि रेलवे लाइनें रेडियो खगोलीय अवलोकनों में व्यवधान पैदा कर सकती थीं। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार, तकनीकी विशेषज्ञों और स्थानीय प्रतिनिधियों से चर्चा कर नया मार्ग निर्धारित किया गया।
संशोधित मार्ग नासिक को साईंनगर शिरडी से जोड़ेगा, जिसके बाद यह पंटांबा, निम्बलक और अहिल्यनगर से होते हुए चाकन इंडस्ट्रियल एस्टेट के माध्यम से पुणे तक पहुंचेगा। यह मार्ग धार्मिक, औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
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रेलवे ने बताया कि परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। नासिक रोड–साईंनगर शिरडी लाइन के दोहरीकरण का डीपीआर तैयार हो चुका है। साईंनगर शिरडी–पंटांबा के 17 किलोमीटर खंड के दोहरीकरण के लिए 240 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। पंटांबा–निम्बलक का 80 किलोमीटर खंड पूरी तरह दोहरीकृत हो चुका है, जबकि निम्बलक–अहिल्यनगर का 6 किलोमीटर खंड निर्माणाधीन है।
अहिल्यनगर से पुणे के बीच 133 किलोमीटर नए दोहरीकरण लाइन के लिए 8,970 करोड़ रुपये की डीपीआर भी तैयार है, जो तेजी से विकसित हो रहे चाकन औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ेगी।
यह नया संरेखण नासिक, शिरडी, त्र्यंबकेश्वर और पुणे के ऐतिहासिक स्थलों तक पर्यटन बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगिक बेल्ट तक पहुंच में सुधार करेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
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