नवाब मलिक पर पीएमएलए मामले में आरोप तय, ट्रायल का रास्ता साफ
मुंबई की विशेष अदालत ने नवाब मलिक पर पीएमएलए मामले में आरोप तय किए। मलिक ने खुद को निर्दोष बताया। मामला दाऊद इब्राहिम से जुड़े आरोपों पर आधारित है और अब ट्रायल चलेगा।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने 18 नवंबर 2025 को औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए। यह मामला भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धन शोधन के आरोपों पर आधारित है। सुनवाई के दौरान मलिक ने स्वयं को निर्दोष बताया, जिसके बाद कोर्ट ने ट्रायल का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
एमपी/एमएलए मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश सत्यानारायण नवंदर ने नवाब मलिक और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए। इस मामले में मलिक के साथ उनके परिवार से जुड़ी कई फर्मों को भी आरोपी बनाया गया है। अब सभी आरोपी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना करेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का पूरा मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की उस FIR पर आधारित है, जिसमें दाऊद इब्राहिम—जो वैश्विक आतंकवादी घोषित है और 1993 मुंबई विस्फोटों का प्रमुख आरोपी है—और उसके साथियों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के (UAPA) तहत गंभीर आरोपों का उल्लेख है। इसी FIR से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच के आधार पर ईडी ने फरवरी 2022 में नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था।
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वर्तमान में मलिक को स्वास्थ्य कारणों के चलते सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल जमानत प्राप्त है। अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद अब इस मामले की सुनवाई ट्रायल चरण में प्रवेश कर गई है, जिसमें अभियोजन पक्ष आरोपों को अदालत में साबित करने का प्रयास करेगा।
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