UNGA में निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
UNGA में निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला बताया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की मांग की और पड़ोसी क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारतीय सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह देश बच्चों के अधिकारों और हथियारबंद संघर्ष (Children and Armed Conflict – CAC) संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानकों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान न केवल अपने देश में, बल्कि पड़ोसी क्षेत्रों में भी बच्चों के अधिकारों का लगातार हनन कर रहा है।
दुबे ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि पाकिस्तान में शैक्षिक संस्थानों और नागरिक क्षेत्रों पर हमलों के कारण अनेकों बच्चे हिंसा और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी इंगित किया कि कई बार आतंकवादी गतिविधियों और सीमा संघर्षों में बच्चे सीधे प्रभावित होते हैं। सांसद ने कहा कि यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताजनक है और संयुक्त राष्ट्र के CAC एजेंडा के उद्देश्यों के विपरीत है।
निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के कारण उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाए और पाकिस्तान को अपने बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
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इस भाषण के दौरान उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निगरानी के जरिए ही सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने पाकिस्तान की नीति और प्रथाओं की कड़ी आलोचना की और कहा कि इससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर भी असर पड़ता है।
विश्लेषकों का मानना है कि निशिकांत दुबे का यह बयान भारत की कूटनीतिक और मानवाधिकार संबंधी मजबूती को वैश्विक मंच पर दर्शाता है।
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