नितीश कटारा हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने नितीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार किया और उसके वकील से कहा कि वे दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करें।
सुप्रीम कोर्ट ने नितीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस विषय पर उचित मंच दिल्ली हाईकोर्ट है, जहां यादव जमानत विस्तार या नई अंतरिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
विकास यादव ने अपनी जमानत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता को सीधे दिल्ली हाईकोर्ट से संपर्क करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि नितीश कटारा हत्याकांड वर्ष 2002 का बहुचर्चित मामला है, जिसमें विकास यादव और उसके सहयोगियों को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने इस मामले को ‘ऑनर किलिंग’ की श्रेणी में माना था, क्योंकि नितीश कटारा की हत्या उसके एक करीबी रिश्ते को लेकर की गई थी।
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विकास यादव पहले भी स्वास्थ्य और पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए कई बार अंतरिम जमानत पर बाहर आ चुका है। हालांकि, अदालत ने इस बार उसकी दलीलें स्वीकार करने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब विकास यादव को अपनी राहत की गुहार दिल्ली हाईकोर्ट में करनी होगी। इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि अदालतें लंबी अवधि से चल रहे गंभीर अपराध मामलों में जमानत देने में सतर्कता बरत रही हैं।
यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्यायिक प्रक्रिया की निरंतरता का आश्वासन है बल्कि यह संदेश भी देता है कि गंभीर आपराधिक मामलों में राहत पाने के लिए सख्त मानदंडों का पालन करना होगा।
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