नियमित डीजीपी की नियुक्ति शीघ्र करने का निर्देश, सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी और तमिलनाडु सरकार से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी और तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वे नियमित डीजीपी की नियुक्ति के लिए नामों पर शीघ्र विचार करें और जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करें।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नियमित पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अनुपस्थिति में मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और राज्य सरकार को इस संबंध में तेजी से कदम उठाने चाहिए।
पीठ ने कहा कि डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद पर लंबे समय तक कार्यवाहक व्यवस्था उचित नहीं है। इसलिए यूपीएससी और राज्य सरकार को मिलकर नामों पर विचार करना चाहिए और नियमित नियुक्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित करनी चाहिए। अदालत ने जोर देकर कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़े इतने अहम पद पर स्थायी नियुक्ति राज्य प्रशासन और पुलिस बल की स्थिरता के लिए आवश्यक है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से शिकायत की थी कि तमिलनाडु में लंबे समय से कार्यवाहक डीजीपी से काम लिया जा रहा है और नियमित नियुक्ति में अनावश्यक देरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस प्रकार की देरी से शासन व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की दक्षता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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अदालत ने यूपीएससी और तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वे इस मुद्दे पर तालमेल बनाकर उम्मीदवारों की सूची पर शीघ्र निर्णय लें और नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश राज्य में पुलिस प्रशासन को स्थिरता देने और कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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