ओडिशा के सुवर्णपुर में बिजलीकरण कार्य शुरू, मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन सक्रिय
सुवर्णपुर गांव में मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिजलीकरण शुरू हुआ। 30 पोल और 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर लग रहे हैं। गांव वर्षों से अंधेरे में था। अन्य सात गांव भी बिजली से वंचित हैं।
ओडिशा के तटीय जिले गंजाम में स्थित सुवर्णपुर गांव में बिजलीकरण की प्रक्रिया तेज़ गति से शुरू कर दी गई है। यह कदम मुख्यमंत्री मोहन चरन माझी के निर्देश के तुरंत बाद उठाया गया। एक दिन बाद ही जिला प्रशासन के अधिकारियों और टाटा पावर साउदर्न ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPSODL) की टीम ने गांव पहुंचकर लगभग 30 बिजली पोल और 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य शुरू कर दिया। गांव में कुल 25 घर हैं, जिन्हें इस अभियान के तहत बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
गंजाम के कलेक्टर कीर्ति वासन वी. ने बताया कि सुवर्णपुर में बिजलीकरण का काम अगले सात से दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। सुवर्णपुर, चेमेंडिहिल गांव का एक छोटा बस्ती क्षेत्र है, जिसे कुछ साल पहले ओडिशा रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (OREDA) ने सोलर पैनलों के माध्यम से बिजली प्रदान की थी। हालांकि, कुछ वर्षों बाद सोलर सिस्टम खराब हो गया और villagers ने इसकी सूचना प्रशासन को नहीं दी। परिणामस्वरूप गांव कई वर्षों से अंधेरे में डूबा हुआ था और छात्रों को लालटेन व मोमबत्तियों की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही थी।
सिर्फ सुवर्णपुर ही नहीं, बल्कि धारकोटे ब्लॉक के सात आदिवासी बहुल गांव भी अभी तक बिजलीकरण से वंचित हैं। इनमें झिरिझिरा, गुदुरुगुमा, पुञ्जिबा, बताखाला (बालारामपुर पंचायत), जयसिंगी और खजुरीझोला (सबा पंचायत) शामिल हैं।
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धारकोटे के बीडीओ संग्राम केशरी जेना ने कहा कि इन सभी गांवों का बिजलीकरण प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के लिए TPSODL को पहले ही सूचित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कलेक्टरों की बैठक में वर्ष 2027 तक राज्य के हर गांव में पानी और बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।