बिहार कांग्रेस में खुला विद्रोह: टिकट बंटवारे में पैसों के लेन-देन और गुटबाजी के आरोप
राजद से सीट बंटवारे के विवाद के बीच बिहार कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आई। टिकट बंटवारे में पैसों के लेन-देन और “कॉरपोरेट स्टाइल” में पार्टी संचालन के आरोप लगे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सीट बंटवारे पर जारी गतिरोध के बीच बिहार कांग्रेस अब अपने ही अंदरूनी विवादों में उलझती दिखाई दे रही है। एनडीए जहां जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारी में जुटी है, वहीं कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और असंतोष खुलकर सामने आ गया है।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अब खुले तौर पर राज्य नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। नेताओं ने आरोप लगाया है कि टिकट वितरण में भारी अनियमितताएं हुई हैं और इसमें पैसों के लेन-देन की भी बात कही जा रही है। कुछ नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार कांग्रेस को “कॉरपोरेट स्टाइल” में चलाया जा रहा है और निर्णय “कंसल्टेंट्स की सलाह” पर लिए जा रहे हैं, न कि जमीनी कार्यकर्ताओं की राय से।
अब तक जो असंतोष पार्टी के भीतर दबी आवाज़ में था, वह अब सार्वजनिक रूप से सामने आ गया है। कई नेताओं ने “आंतरिक तोड़फोड़” (internal sabotage) तक के आरोप लगाए हैं, जिससे चुनावी रणनीति पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
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राजद-कांग्रेस गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही मतभेद चल रहे थे। कांग्रेस की राज्य इकाई का एक वर्ग मानता है कि शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय नेताओं से पर्याप्त परामर्श नहीं लिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस अंदरूनी कलह से कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर तब जब एनडीए गठबंधन एकजुट होकर अपने अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है।
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