संसद शीतकालीन सत्र दिन 13: प्रश्नकाल में समग्र शिक्षा योजना और स्टारलिंक पर सवाल, लोकसभा में दो अहम विधेयकों पर बहस
शीतकालीन सत्र के 13वें दिन लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान समग्र शिक्षा और स्टारलिंक पर सवाल उठे। VB-G RAM G और SHANTI विधेयकों पर विस्तृत चर्चा प्रस्तावित है।
संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन बुधवार (17 दिसंबर 2025) को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान समग्र शिक्षा योजना और सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक से जुड़े मुद्दों पर सदस्यों ने सरकार से जवाब मांगे। इसके बाद सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा प्रस्तावित है—विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G विधेयक, 2025 और सस्टेनेबल हार्नेसिंग ऑफ एटॉमिक एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) विधेयक।
बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई। इसके बाद डॉ. जितेंद्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और जितिन प्रसादा सहित कई केंद्रीय मंत्री सदन के पटल पर विभिन्न दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे।
इससे एक दिन पहले, मंगलवार (16 दिसंबर) को लोकसभा ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने से संबंधित विधेयक पारित किया। इस विधेयक का उद्देश्य वर्ष 2047 तक सभी के लिए बीमा कवरेज सुनिश्चित करना है। ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एफडीआई सीमा बढ़ने से बीमा क्षेत्र में अधिक कंपनियां आएंगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे बीमा पॉलिसियां सस्ती होंगी। उन्होंने कहा, “एकाधिकार से उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिलता, इसलिए जितनी अधिक प्रतिस्पर्धा होगी, उतनी बेहतर दरें मिलेंगी।”
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लोकसभा में आज जिन दो विधेयकों पर चर्चा होनी है, उनमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका को बढ़ावा देने से जुड़ा VB-G RAM G विधेयक और परमाणु ऊर्जा के सतत उपयोग से भारत के विकास पर केंद्रित SHANTI विधेयक शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्ष ने इन दोनों विधेयकों को स्थायी समिति या संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की मांग की है। उनका कहना है कि विधेयकों पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन इन विधेयकों पर विस्तार से चर्चा करेगा और जरूरत पड़ने पर देर रात तक भी कार्यवाही की जा सकती है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार विधेयकों और विपक्ष द्वारा मांगी गई विशेष चर्चा के लिए समय देने को तैयार है।
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