मणिपुर में पीएम मोदी की यात्रा को शांति की दिशा में पहला कदम माना जाए: गौरव गोगोई
गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम मोदी की मणिपुर यात्रा शांति की दिशा में पहला कदम है। राज्य में सामान्यता नहीं लौट पाई है और लंबी प्रक्रिया जरूरी है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर यात्रा को किसी अंतिम लक्ष्य के रूप में नहीं, बल्कि शांति की दिशा में उठाए गए पहले कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में अभी भी पूरी तरह से सामान्य स्थिति नहीं लौट पाई है और यहां निर्वाचित सरकार नहीं है।
गोगोई ने कहा, "हम यह नहीं कह सकते कि मणिपुर में पूर्ण सामान्यता लौट आई है। राज्य में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा केवल एक लंबी यात्रा की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य शांति, न्याय, सुलह और लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करना है।"
गोगोई ने यह भी कहा कि राज्य में हाल की घटनाओं और हिंसा के कारण सामाजिक और राजनीतिक संरचना पर असर पड़ा है। इसलिए अब महत्वपूर्ण यह है कि केंद्र और स्थानीय प्रशासन मिलकर नागरिकों के विश्वास को बहाल करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाएं।
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गोगोई के अनुसार, मोदी की यात्रा का महत्व इसलिए है क्योंकि यह राज्य में संवाद और सामंजस्य को बढ़ावा देने का संकेत देती है। लेकिन यह केवल शुरुआत है, और शांति और स्थायित्व स्थापित करने के लिए लंबी और सतत प्रयासों की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी उच्च स्तरीय नेता की यात्रा को केवल औपचारिक या प्रतीकात्मक कदम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे समाज में विश्वास बहाल करने और राजनीतिक प्रक्रिया को सक्रिय करने के अवसर के रूप में लेना चाहिए।
गोगोई ने अंत में यह भी कहा कि राज्य में स्थायी समाधान के लिए लंबी और सुनियोजित रणनीति की आवश्यकता होगी, जिसमें सभी समुदायों की भागीदारी जरूरी है।
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