स्वस्थ भारत के लिए निवारक स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता
निवारक स्वास्थ्य जांच से बीमारियों का समय पर पता चलता है और जीवन स्वस्थ बनता है। जागरूकता और सुलभ जांच सेवाओं से भारत अधिक मजबूत और सक्षम बन सकता है।
भारत में बढ़ती जीवनशैली संबंधी बीमारियां और स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि केवल इलाज पर आधारित व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। एक स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए निवारक स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता देनी होगी।
निवारक स्वास्थ्य जांच (Preventive Health Screenings) का उद्देश्य बीमारियों का पता शुरुआती चरण में लगाना है, ताकि उनका समय रहते इलाज हो सके और गंभीर परिणामों से बचा जा सके। रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, कैंसर जांच जैसे नियमित टेस्ट न केवल जीवन को लंबा करते हैं, बल्कि इसे अधिक स्वस्थ और उत्पादक बनाते हैं। इससे लोगों को अनावश्यक आर्थिक बोझ और मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।
आज भी आम धारणा यही है कि डॉक्टर के पास तभी जाया जाए जब कोई गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाए। यह सोच बदलनी होगी। निवारक जांच को एक जिम्मेदारी के रूप में देखने की जरूरत है, न कि एक अतिरिक्त खर्च के रूप में।
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सरकार, स्वास्थ्य संस्थानों और कॉर्पोरेट जगत को मिलकर ऐसी सुविधाओं को सस्ता और सुलभ बनाना होगा। कर्मचारियों के लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य करना, स्कूल-कॉलेज स्तर पर जांच कार्यक्रम चलाना और व्यापक जागरूकता अभियान जरूरी कदम हैं।
यदि समाज यह मान ले कि निवारक स्वास्थ्य देखभाल व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है, तो भारत न केवल बीमारियों के बोझ से मुक्त होगा, बल्कि कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
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