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पंजाब के 17 जिलों में सरकारी स्कूलों में नामांकन में भारी गिरावट, कमजोर प्रदर्शन वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी

पंजाब के 17 जिलों में सरकारी स्कूलों के प्राथमिक वर्गों में नामांकन घटा है। सरकार ने कमजोर प्रदर्शन वाले शिक्षकों की सूची तैयार करने और आगे कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

पंजाब के 23 में से 17 जिलों में सरकारी स्कूलों के प्राथमिक स्तर (प्री-प्राइमरी से कक्षा 5) में नामांकन में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी 3 दिसंबर को चंडीगढ़ में हुई राज्य समीक्षा बैठक में प्रस्तुत नवीनतम आँकड़ों में सामने आई।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में भी नामांकन में कमी देखने को मिली है। पिछले वर्ष 43,456 छात्रों के मुकाबले इस वर्ष यह संख्या घटकर 41,795 हो गई है। यह गिरावट राज्य सरकार के शिक्षा सुधार अभियानों पर सवाल खड़े करती है और सरकारी स्कूलों में माता-पिता के विश्वास में कमी को दर्शाती है।

नामांकन में इस कमी को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय ने सोमवार को राज्यभर के जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को लिखित आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि जिन स्कूलों में प्रदर्शन सबसे खराब पाया गया है, वहां के हेड टीचर और उनके सहयोगी शिक्षकों की सूची तैयार कर मुख्य कार्यालय भेजी जाए ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

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राज्य सरकार का मानना है कि कई स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता, उपस्थिति और समुदाय के साथ समन्वय में सुधार की जरूरत है। इन 17 जिलों में लगातार घटती नामांकन संख्या को देखते हुए, अधिकारियों पर दबाव है कि वे स्कूलों के आउटरीच, शिक्षण गुणवत्ता और अभिभावकों के साथ संवाद में सुधार लाएं।

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि निजी स्कूलों की ओर बढ़ रही अभिरुचि, शिक्षण मानकों को लेकर चिंता और शिक्षा में प्रतिस्पर्धा की कमी, सरकारी स्कूलों में नामांकन गिरने के मुख्य कारणों में से हैं। राज्य शिक्षा विभाग अब इस गिरावट को रोकने और सरकारी स्कूलों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।

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