राजस्थान में रूफटॉप सोलर पावर प्लांटों की स्थापना में तेजी, बिजली आपूर्ति सुधार पर जोर
राजस्थान में RDSS के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट और ट्रांसफॉर्मर मीटरिंग तेज की जा रही है, जिससे बिजली नुकसान कम होगा और आपूर्ति की गुणवत्ता सुधरेगी।
राजस्थान में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने और ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) नुकसान को कम करने के उद्देश्य से रूफटॉप सोलर पावर प्लांटों की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। यह कार्य केंद्र सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme – RDSS) के तहत किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत न केवल घरों और व्यावसायिक इमारतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, बल्कि ट्रांसफॉर्मरों पर मीटर लगाने का काम भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, ट्रांसफॉर्मरों पर मीटरिंग से बिजली की वास्तविक खपत का सही आकलन संभव होगा, जिससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगी और वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी।
RDSS के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) ने सप्ताहांत में राजस्थान में चल रहे कार्यों की समीक्षा की। REC के चेयरपर्सन जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मीटरिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए फील्ड में कार्यरत टीमों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स तय लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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अधिकारियों का कहना है कि रूफटॉप सोलर पावर प्लांटों से स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन बढ़ेगा, जिससे ग्रिड पर दबाव कम होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी। इसके साथ ही, सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य की ऊर्जा जरूरतों में स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
राजस्थान पहले से ही सौर ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्यों में शामिल है। RDSS के तहत इन प्रयासों को और गति देने से राज्य में बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ने और दीर्घकालिक ऊर्जा सुधारों का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
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