आरबीआई टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों की मदद को तैयार: गवर्नर मल्होत्रा
आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों को आवश्यकतानुसार मदद दी जाएगी। कोविड काल में भी आरबीआई ने ऋण और मौद्रिक नीति से अर्थव्यवस्था को सहारा दिया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक टैरिफ के प्रभाव से जूझ रहे क्षेत्रों को मदद देने के लिए तैयार है। उन्होंने संकेत दिया कि यदि किसी विशेष सेक्टर पर आयात शुल्क या टैरिफ का प्रतिकूल असर पड़ता है, तो आरबीआई जरूरत पड़ने पर सहयोग करने में पीछे नहीं हटेगा।
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई का उद्देश्य आर्थिक विकास की गति बनाए रखना और संवेदनशील क्षेत्रों को समय पर सहारा देना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान आरबीआई ने व्यापक राहत पैकेज उपलब्ध कराया था। उस समय टर्म लोन पर मोरेटोरियम दिया गया, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया गया और मौद्रिक नीति के जरिए अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के उपाय किए गए थे।
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को संतुलित रखना है। यदि किसी सेक्टर पर टैरिफ के कारण दबाव बढ़ता है, तो आरबीआई उससे निपटने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय करेगा और आवश्यकता के अनुसार लिक्विडिटी या क्रेडिट सपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा।
मल्होत्रा ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और यदि हालात बिगड़ते हैं, तो आरबीआई के पास हस्तक्षेप के पर्याप्त साधन मौजूद हैं। इस बयान से संकेत मिलता है कि आर्थिक चुनौतियों के समय आरबीआई लचीला रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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