लाल किला धमाका: आत्मघाती हमलावर के कथित सह-साजिशकर्ता को 10 दिन की NIA हिरासत
लाल किला धमाका केस में सह-साजिशकर्ता जसीर बिलाल वानी को अदालत ने 10 दिन की NIA हिरासत में भेजा। वानी पर तकनीकी सहायता और आतंकी योजना में सहयोग का आरोप है।
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (18 नवंबर 2025) को लाल किला कार विस्फोट मामले में आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के कथित सह-साजिशकर्ता जसीर बिलाल वानी को 10 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया। इस धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी और जांच एजेंसी ने वानी को “सक्रिय सह-साजिशकर्ता” बताते हुए कस्टोडियल इंटेरोगेशन की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजू बजाज चांदना ने एनआईए की दलीलों पर सहमति जताते हुए वानी को हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे कार्यवाही लगभग ‘इन-कैमरा’ रूप में संपन्न हुई।
अदालत परिसर में दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) का भारी बल तैनात किया गया था। दंगे-रोधी उपकरणों से लैस कई जवान भी मौके पर मौजूद रहे।
एनआईए के अनुसार, वानी अनंतनाग के काजीगुंड का निवासी है और उसे सोमवार को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया। एजेंसी का दावा है कि वानी ड्रोन को मॉडिफाई कर आतंकवादी हमलों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा था और बम धमाके से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश कर रहा था।
सोमवार (17 नवंबर) को जारी एनआईए के बयान में वानी को हमले का “सक्रिय सह-साजिशकर्ता” बताया गया, जो उमर उन नबी के साथ मिलकर “आतंकी विनाश” की योजना में शामिल था। इससे पहले सोमवार को ही अदालत ने एक अन्य मुख्य आरोपी आमिर राशिद अली को भी 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा था।
एजेंसी का कहना है कि आमिर ने नबी को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया और हमले की योजना के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता भी दी थी।
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