संसद के डॉगफाइट विवाद के केंद्र में रेणुका चौधरी: एनटीआर की शिष्या से कांग्रेस की प्रखर नेता तक का सफर
रेणुका चौधरी संसद में कुत्ता लाने के विवाद के बीच बेबाक बयान दे रही हैं। भाजपा द्वारा प्रिविलेज मोशन की चर्चा के बावजूद वह निर्भीक अंदाज़ में प्रतिक्रियाएं दे रही हैं।
कांग्रेस की बेबाक और तेजतर्रार राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला उनके द्वारा संसद परिसर में एक कुत्ते को लाने की कोशिश से जुड़ा है, जिसने राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चा छेड़ दी।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से कई बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्य रह चुकीं तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी विवादों से कभी दूर नहीं रहीं। उनके सहयोगी उन्हें “डिफायंस पर्सनिफाइड” यानी “विरोध की प्रतिमूर्ति” भी कहते हैं।
इस सप्ताह संसद परिसर में कुत्ता ले जाने के प्रयास से शुरू हुआ विवाद तब और बढ़ गया जब बताया गया कि कुछ भाजपा सांसद उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाने पर विचार कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रेणुका चौधरी बेपरवाह अंदाज़ में बोलीं— “भौं भौं।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
उन्होंने इससे पहले भी तंज कसते हुए कहा था, “जो लोग काटते हैं, वे संसद के अंदर बैठकर सरकार चला रहे हैं। क्या उसमें कोई दिक्कत नहीं है? लेकिन अगर मैं किसी जानवर की देखभाल करती हूं, तो यह राष्ट्रीय बहस बन जाता है।”
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रेणुका चौधरी का राजनीतिक सफर बेहद रोचक रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एनटीआर (नंदमूरी तारक रामाराव) के संरक्षण में की थी और बाद में कांग्रेस में शामिल होकर केंद्र में मंत्री पद तक पहुंचीं। अपने बेबाक बयानों और तीखी राजनीतिक शैली के कारण वे विपक्ष और सत्ता पक्ष—दोनों में चर्चा का विषय बनी रहती हैं।
वर्तमान विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रेणुका चौधरी खुद को किसी भी दबाव में नहीं आने देतीं और अपनी बात खुलकर कहने के लिए जानी जाती हैं।