सुप्रीम कोर्ट ने अरुंधति रॉय की पुस्तक के कवर पर धूम्रपान दिखाने के खिलाफ दायर PIL खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने अरुंधति रॉय की पुस्तक कवर पर धूम्रपान दिखाने के खिलाफ दायर PIL खारिज करते हुए कहा कि यह COTPA कानून का उल्लंघन नहीं है और प्रकाशक ने डिस्क्लेमर भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लेखिका अरुंधति रॉय की नई पुस्तक Mother Mary Comes to Me के कवर को लेकर दायर की गई याचिका पर महत्वपूर्ण फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। यह कवर फोटो अरुंधति रॉय को बीड़ी पीते हुए दर्शाती है, जिसे लेकर पहले एक जनहित याचिका (PIL) केरल हाई कोर्ट में दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने उस PIL को खारिज करते हुए कहा था कि यह फोटो सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2013 का उल्लंघन नहीं करती।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि पुस्तक कवर पर धूम्रपान दिखाना युवाओं को गुमराह कर सकता है और तंबाकू सेवन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की पीठ—जिसमें मुख्य न्यायाधीश सूर्या कांता और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बगची शामिल थे—ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
पीठ ने कहा कि प्रकाशक पहले ही एक डिस्क्लेमर दे चुका है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि यह फोटो तंबाकू सेवन को बढ़ावा देने या उसका समर्थन करने के उद्देश्य से नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी पुस्तक के कवर पर कलात्मक प्रस्तुति को कानून के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जा सकता, जब तक कि उसमें तंबाकू उत्पादों के प्रचार या विज्ञापन का स्पष्ट इरादा न हो।
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सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कलात्मक स्वतंत्रता और COTPA कानून की सीमाओं को स्पष्ट करता है। कोर्ट ने माना कि किसी लेखक की निजी छवि या कलात्मक कृति को विज्ञापन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इस फैसले के साथ यह PIL पूरी तरह से खारिज कर दी गई।
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