पहली बार सोशल मीडिया पोस्ट से बनेगी हिस्ट्रीशीट, संदिग्धों पर भी नज़र रखेगी पुलिस
पुलिस ने निर्देश जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ या संदिग्ध पोस्ट करने वालों की भी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। आलोचकों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया।
देश में पहली बार सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। पुलिस विभाग द्वारा जारी एक मेमो के अनुसार, अब केवल दोषी ही नहीं, बल्कि संदिग्ध सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को भी निगरानी के दायरे में लाया जाएगा।
इस नीति के तहत, जिन लोगों के सोशल मीडिया पोस्ट भड़काऊ, आपत्तिजनक या कानून-व्यवस्था के लिए खतरा माने जाएंगे, उनके खिलाफ हिस्ट्रीशीट तैयार की जाएगी। यह हिस्ट्रीशीट सामान्य अपराधियों की तरह होगी, जिसमें संबंधित व्यक्ति की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह कदम ज़रूरी हो गया है। कई बार देखा गया है कि गलत सूचनाएं, अफवाहें या उकसावे वाले पोस्ट हिंसा और अशांति का कारण बन जाते हैं। ऐसे मामलों में केवल आपराधिक मुकदमे दर्ज करना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि दीर्घकालिक निगरानी भी आवश्यक है।
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मेमो में यह भी कहा गया है कि हिस्ट्रीशीट केवल दोष सिद्ध अपराधियों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि ऐसे संदिग्धों पर भी खोली जाएगी जिनके खिलाफ स्पष्ट सबूत न होने के बावजूद उनके पोस्ट समाज के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और डिजिटल स्वतंत्रता से जुड़े विशेषज्ञों ने इस नीति पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है और लोगों पर अनुचित दबाव बनाया जा सकता है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का तर्क है कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
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