पांच बीआरएस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं स्पीकर ने खारिज कीं
तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष ने बीआरएस के पांच विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं खारिज कर दीं। स्पीकर ने कहा कि दल-बदल के आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत पेश नहीं किए गए।
तेलंगाना की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत विधानसभा अध्यक्ष गड्डम प्रसाद कुमार ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पांच विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया है। यह फैसला लंबे समय से प्रतीक्षित था और इस पर राज्य की राजनीतिक हलचल टिकी हुई थी।
अध्यक्ष ने जिन विधायकों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया, उनमें अरेकापुडी गांधी, तेल्लम वेंकट राव, गुडेम महिपाल रेड्डी, टी. प्रकाश गौड़ और बंदला कृष्णमोहन रेड्डी शामिल हैं। स्पीकर ने याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों दोनों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय दिया।
फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष गड्डम प्रसाद कुमार ने कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि इन विधायकों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर अपनी निष्ठा बदल ली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता इस आरोप के समर्थन में कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर सके।
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बीआरएस नेतृत्व द्वारा दायर इन अयोग्यता याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि संबंधित विधायक दल-बदल कानून का उल्लंघन करते हुए कांग्रेस के पक्ष में चले गए हैं। हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि केवल आरोपों के आधार पर अयोग्यता तय नहीं की जा सकती और इसके लिए पुख्ता प्रमाण आवश्यक होते हैं।
स्पीकर ने अपने आदेश में यह भी रेखांकित किया कि संविधान और विधानसभा के नियमों के अनुसार ही फैसले लिए जाते हैं और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के आधार पर किसी जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त नहीं की जा सकती।
इस फैसले के बाद बीआरएस के इन पांच विधायकों को बड़ी राहत मिली है, वहीं कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक बहस तेज होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस निर्णय का असर आगामी राजनीतिक रणनीतियों और विधानसभा की कार्यवाही पर भी पड़ेगा।
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