सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए मतदाता सूची अनियमितताओं की जांच की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की मतदाता सूची अनियमितताओं की जांच याचिका खारिज की। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता चुनाव आयोग से उचित राहत लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुछ क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करने और उसमें नाम जोड़ने की प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को स्वतंत्र रूप से चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (ECI) से उचित राहत के लिए संपर्क करने का अधिकार है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय प्रत्यक्ष जांच या हस्तक्षेप के लिए प्राथमिक संस्था नहीं है, और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित शिकायतों का समाधान चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में मतदाता सूची का अद्यतन और उसकी पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है। यदि कोई व्यक्ति या पार्टी किसी अनियमितता का संदेह रखती है, तो उन्हें प्रत्यक्ष शिकायत या अपील के लिए आयोग से संपर्क करना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि चुनावी प्रक्रिया और मतदाता सूची की निगरानी में चुनाव आयोग की भूमिका सर्वोपरि है, और न्यायालय केवल तभी हस्तक्षेप करेगा जब आयोग द्वारा उचित कार्रवाई न की गई हो।
राहुल गांधी या उनके समर्थक अब इस मामले में चुनाव आयोग के माध्यम से ही समाधान खोजने के लिए स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला चुनावी विवादों और न्यायालय के हस्तक्षेप की सीमा को स्पष्ट करता है।