सुप्रीम कोर्ट ने 100 साल पुराने रामलीला आयोजन पर लगी इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक हटाई, भविष्य में स्थान बदलने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी स्कूल के खेल मैदान पर 100 साल पुरानी रामलीला पर लगी रोक हटाई। भविष्य में छात्रों के खेल अधिकार सुरक्षित करने के लिए वैकल्पिक स्थल खोजने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक स्कूल के खेल मैदान पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली 100 साल पुरानी रामलीला के आयोजन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक (stay) को हटा दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि भविष्य में रामलीला के लिए वैकल्पिक स्थल खोजा जाए ताकि छात्रों को खेल मैदान का पूर्ण उपयोग मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रामलीला जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का महत्त्व सम्माननीय है, लेकिन विद्यार्थियों के खेल और शिक्षा संबंधी अधिकारों की सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। इसलिए आगामी आयोजनों के लिए ऐसा स्थान चुना जाना चाहिए जो स्कूल के नियमित शैक्षणिक और खेल गतिविधियों में बाधा न डाले।
उत्तर प्रदेश जिला प्रशासन को कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द वैकल्पिक स्थल की पहचान करे और सुनिश्चित करे कि स्कूल का मैदान विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह से उपलब्ध रहे। अदालत ने यह भी कहा कि इस बार की रामलीला आयोजन अनुमति दी जा सकती है, लेकिन आगे ऐसा न हो कि छात्रों का अधिकार प्रभावित हो।
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सांस्कृतिक परंपराओं और शैक्षिक अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि स्कूल और छात्रों के हितों का ध्यान रखते हुए ही आयोजनों की अनुमति दी जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ-साथ शिक्षा के अधिकारों की सुरक्षा का एक आदर्श उदाहरण है।