सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक संस्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आदेश दिया कि स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए। अदालत ने इन्हें दोबारा वहीं छोड़ने पर रोक लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (7 नवंबर 2025) को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, सार्वजनिक खेल परिसरों, बस डिपो और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को तत्काल हटाया जाए। न्यायालय ने कहा कि नसबंदी के बाद इन कुत्तों को दोबारा उन्हीं स्थानों पर छोड़ना “सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के उद्देश्य को विफल कर देगा।”
न्यायमूर्ति विक्रांत नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया की पीठ ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों की मौजूदगी से लोगों, विशेषकर बच्चों और मरीजों की सुरक्षा को गंभीर खतरा होता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कुत्तों को पकड़ा जाए, नसबंदी और टीकाकरण किया जाए, और फिर उन्हें ऐसे स्थानों पर रखा जाए जहाँ से वे आम जनता को खतरा न पहुँचा सकें।
पीठ ने यह भी कहा कि Animal Birth Control (ABC) Rules, 2023 और Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि स्कूल, अस्पताल और सार्वजनिक संस्थान ऐसे स्थान हैं जहाँ अधिकतम सुरक्षा और स्वच्छता की आवश्यकता होती है, इसलिए आवारा जानवरों की उपस्थिति “सार्वजनिक हित के विरुद्ध” है।
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इस आदेश को जनसुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि हाल के वर्षों में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं देशभर में बढ़ी हैं।