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भारत में संपत्ति खरीद-फरोख्त संकटपूर्ण, सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में संपत्ति खरीद-फरोख्त संकटपूर्ण है और केंद्र से ब्लॉकचेन अपनाकर पंजीकरण सरल व पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला देते हुए कहा कि भारत में संपत्ति की खरीद और बिक्री अनुभव के तौर पर “संकटपूर्ण” होती है। न्यायालय ने यह भी नोट किया कि देश के नागरिक न्यायालयों में चल रहे सिविल मुकदमों में 66 प्रतिशत मामलों में संपत्ति से जुड़े विवाद शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ब्लॉकचेन (Blockchain) तकनीक को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाए। यह तकनीक न केवल प्रक्रिया को तेज करेगी, बल्कि धोखाधड़ी और विवाद की संभावना को भी कम करेगी।

इसके अलावा, न्यायालय ने भारतीय विधि आयोग को निर्देश दिया है कि वह उपनिवेश कालीन संपत्ति कानूनों को आधुनिक तकनीक के अनुरूप पुनर्गठित करने की रिपोर्ट तैयार करे। इसमें 1882 का ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1908 का रजिस्ट्रेशन एक्ट और 1899 का स्टैम्प एक्ट शामिल हैं। इन कानूनों को आधुनिक डिजिटल और तकनीकी परिवेश के अनुरूप ढालने से संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता के लिए प्रक्रिया आसान होगी।

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सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का उद्देश्य देश में संपत्ति विवादों को कम करना, न्यायिक प्रक्रिया में देरी घटाना और तकनीकी नवाचार के माध्यम से लोगों के लिए संपत्ति लेन-देन के अनुभव को सुरक्षित एवं आसान बनाना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने से न केवल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे, बल्कि गलत जानकारी और भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी।

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