तृणमूल का दावा: तमिलनाडु की नई योजना पश्चिम बंगाल की पहल से प्रेरित
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि तमिलनाडु की नई योजना ‘नम्मा ऊरु, नम्मा अरसु’ पश्चिम बंगाल की ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ पहल से प्रेरित है, जो सहभागी शासन को बढ़ावा देती है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया है कि तमिलनाडु सरकार की हाल ही में शुरू की गई जनसंपर्क और स्थानीय शासन योजना ‘नम्मा ऊरु, नम्मा अरसु’ (हमारा इलाका, हमारी सरकार), पश्चिम बंगाल की सफल भागीदारी आधारित शासन पहल ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ (हमारा मोहल्ला, हमारा समाधान) से प्रेरित है।
टीएमसी नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में शुरू की गई पश्चिम बंगाल की यह योजना स्थानीय स्तर पर नागरिकों की समस्याओं के समाधान और सरकारी सेवाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुँचाने का एक प्रभावी मॉडल बन चुकी है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “हमें खुशी है कि तमिलनाडु जैसे प्रगतिशील राज्य ने भी इस जन-केंद्रित मॉडल को अपनाया है। यह दिखाता है कि बंगाल की नीति-नवाचार को देशभर में मान्यता मिल रही है।”
तमिलनाडु सरकार की नई पहल का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है, जिसमें पंचायत और नगर निगम स्तर पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों की शिकायतों का मौके पर समाधान किया जा सके।
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हालाँकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तमिलनाडु की योजना में कुछ स्थानीय संशोधन किए गए हैं, ताकि इसे राज्य की प्रशासनिक जरूरतों और सामाजिक ढांचे के अनुसार ढाला जा सके। उन्होंने इसे “संघीय सहयोग” का सकारात्मक उदाहरण बताया, जहाँ एक राज्य की सफल नीति दूसरे राज्य को प्रेरित करती है।
टीएमसी का मानना है कि इस तरह की पहलें न केवल शासन को अधिक पारदर्शी बनाती हैं बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करती हैं।