तेलंगाना के नौकरशाहों की दुश्वार स्थिति, KTR ने कहा – ‘शैतान और गहरे समुद्र के बीच फंसे’
KTR ने तेलंगाना के नौकरशाहों की मुश्किल स्थिति उजागर की, S.A.M. रिज़वी की VRS आवेदन से पता चलता है कि अधिकारी शासकीय और राजनीतिक दबावों के बीच फंसे हैं।
तेलंगाना राज्य में वरिष्ठ नौकरशाहों की स्थिति को लेकर भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष K.T. रामा राव (KTR) ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी S.A.M. रिज़वी का सेवा में नौ वर्षों से अधिक समय बचा होने के बावजूद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन करना, राज्य में ऑल इंडिया सर्विस (AIS) अधिकारियों की मुश्किल स्थिति को स्पष्ट करता है।
गुरुवार (23 अक्टूबर 2025) को हैदराबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में KTR ने कहा कि तेलंगाना में नौकरशाहों की स्थिति बिल्कुल उसी तरह है जैसे किसी को ‘शैतान और गहरे समुद्र के बीच फंसा’ दिया गया हो। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री A. रेवंथ रेड्डी एक तरफ से अधिकारियों को खींच रहे हैं, जबकि उनके कैबिनेट सहयोगी दूसरी तरफ से उन पर दबाव डालते हैं, विशेषकर ठेके और बिलों के मामलों में।
KTR ने कहा कि यह स्थिति प्रशासनिक कार्यों और नीति निर्माण में जटिलता पैदा कर रही है। अधिकारियों को निर्णय लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें राजनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल सरकारी कामकाज पर प्रभाव डालती है, बल्कि नौकरशाहों की मनोबल और उनकी सेवा की गुणवत्ता पर भी असर डालती है।
BRS नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को ऐसे मामलों में स्पष्ट दिशा-निर्देश देने चाहिए, ताकि नौकरशाह बिना किसी भय और दबाव के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को न्यायसंगत और पारदर्शी प्रशासन की अनुमति देने पर जोर दिया।
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