2035 तक 307 गीगावाट पहुंचेगी देश की तापीय बिजली की जरूरत: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2035 तक भारत की तापीय बिजली जरूरत 307 गीगावाट तक पहुंचेगी और चालू वित्त वर्ष में 13.3 गीगावाट के अनुबंध दिए जा चुके हैं।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वर्ष 2035 तक देश में तापीय बिजली (थर्मल पावर) की अनुमानित आवश्यकता बढ़कर 307 गीगावाट (GW) तक पहुंच सकती है। उन्होंने यह जानकारी The Indian Witness के एक सवाल के जवाब में दी। सोमवार (15 दिसंबर 2025) को पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री गोयल ने कहा कि देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार प्रगति की जा रही है।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास, शहरीकरण और बढ़ती आबादी के कारण बिजली की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। ऐसे में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थर्मल पावर की भूमिका आने वाले वर्षों में भी अहम बनी रहेगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ऊर्जा मिश्रण को संतुलित रखने पर जोर दे रही है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ तापीय ऊर्जा भी शामिल है।
पीयूष गोयल ने यह भी जानकारी दी कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 13.3 गीगावाट क्षमता के बिजली परियोजनाओं के लिए अनुबंध दिए जा चुके हैं। यह कदम भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण—तीनों क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है।
मंत्री के अनुसार, देश में ऊर्जा अवसंरचना को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाया जा रहा है, जिससे दक्षता बढ़े और पर्यावरणीय प्रभाव को भी नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि थर्मल पावर प्लांट्स को अधिक कुशल और स्वच्छ बनाने के लिए नए मानकों पर काम किया जा रहा है।
श्री गोयल ने भरोसा जताया कि सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते देश की ऊर्जा जरूरतों को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर ऊर्जा व्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है, ताकि आर्थिक विकास को निरंतर गति मिल सके।
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