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यूपी कैबिनेट ने सभी संभागीय मुख्यालयों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी

यूपी कैबिनेट ने सभी 18 संभागीय मुख्यालयों में राज्य-निधिकृत दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी, ताकि दिव्यांग जनों को चिकित्सीय, तकनीकी और कल्याणकारी सेवाएं सुगमता से मिल सकें।

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में दिव्यांग जनों के लिए सेवाओं को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी 18 संभागीय मुख्यालयों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DDRCs) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

फिलहाल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रदेश के 37 जिलों में DDRCs संचालित किए जा रहे हैं, जबकि अंबेडकर नगर में एक केंद्र NTPC द्वारा वित्तपोषित है। इनमें से केवल 11 केंद्र ही संभागीय मुख्यालयों में स्थित हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन केंद्रों को अनियमित केंद्रीय अनुदान और विशेषज्ञ कर्मचारियों के कम मानदेय के कारण संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अक्टूबर को राज्य के संसाधनों से सभी संभागों में एक व्यापक और पूर्णतया राज्य-निधिकृत पुनर्वास तंत्र विकसित करने की योजना को स्वीकृति दी थी। अब कैबिनेट ने 18 नए DDRCs की स्थापना और संचालन के लिए आगे की कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।

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राज्य सरकार के अनुसार, ये केंद्र दिव्यांग जनों की पहचान और सर्वेक्षण, दिव्यांगता शिविरों का आयोजन, सहायक उपकरणों की मरम्मत, कृत्रिम अंगों और गतिशीलता उपकरणों का फिटमेंट, प्रशिक्षण, प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप सेवाएं, तथा दिव्यांगता की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे।

इसके साथ ही, ये केंद्र सरकारी कल्याण योजनाओं तक लाभार्थियों की पहुँच आसान करेंगे, दिव्यांगता प्रमाणपत्र और UDID कार्ड जारी करने में सहायता करेंगे तथा परामर्श, फिजियोथेरेपी और स्पीच थेरेपी जैसी नैदानिक सेवाएं भी उपलब्ध कराएंगे।

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