चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच अमेरिका-जापान ने संयुक्त उड़ान अभ्यास किए
चीन-रूस की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और रडार-लॉकिंग घटनाओं के बीच अमेरिका-जापान ने संयुक्त उड़ान अभ्यास किए। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा स्थिति को गंभीर बताते हुए सहयोग मजबूत करने का संकल्प जताया।
अमेरिका के रणनीतिक बमवर्षक विमानों ने जापान के लड़ाकू विमानों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया, जिसका उद्देश्य जापानी-अमेरिकी सैन्य सहयोग को प्रदर्शित करना था। यह अभ्यास गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को उस समय आयोजित हुआ जब चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों ने जापान के लिए सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं।
यह अभ्यास ऐसे समय हुआ जब एक दिन पहले ही चीनी और रूसी बमवर्षक पश्चिमी जापान के आसपास उड़ान भरते दिखाई दिए, जिसके बाद टोक्यो को अपने लड़ाकू विमान भेजने पड़े। हालांकि हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं हुआ, लेकिन इसे तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई माना जा रहा है। इससे पहले 6 दिसंबर को चीन के सैन्य विमानों द्वारा जापानी लड़ाकुओं पर रडार लॉक करने की घटना ने दोनों देशों के रिश्तों को और बिगाड़ दिया था।
शुक्रवार सुबह जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी और उनके अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ ने इंडो-पैसिफिक की “गंभीर सुरक्षा स्थिति” पर फोन वार्ता की। दोनों मंत्रियों ने चीन की गतिविधियों को क्षेत्रीय शांति के खिलाफ बताया और निगरानी व मॉनिटरिंग जारी रखने पर जोर दिया।
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जापान की एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स और अमेरिकी सैन्य बलों ने यह संयुक्त अभ्यास बुधवार (10 दिसंबर) को किया। दोनों देशों ने कहा कि वे बल प्रयोग कर स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिशों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अभ्यास में दो अमेरिकी B-52 बमवर्षक, तीन जापानी F-35 स्टील्थ लड़ाकू और तीन F-15 जेट शामिल थे। अभ्यास जापान और दक्षिण कोरिया के बीच स्थित जलक्षेत्र के ऊपर पश्चिमी जापान के निकट हुआ।
जापान के संयुक्त स्टाफ ने कहा कि यह अभ्यास किसी विशेष घटना के जवाब में नहीं था, मगर चीन के हालिया रडार-लॉकिंग और चीन-रूस के संयुक्त बमवर्षक अभ्यास सुरक्षा स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं।
हालिया तनाव तब और बढ़ गया जब प्रधानमंत्री साने ताकाइची के ताइवान मुद्दे पर दिए बयान और दक्षिणी जापान के पास चीनी युद्धाभ्यास ने संबंधों को और खराब कर दिया। जापान ने रडार-लॉकिंग पर कड़ा विरोध जताया, जिसे चीन ने खारिज कर उल्टा जापान पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया।
अभ्यास के एक दिन पहले चीन और रूस ने लंबी दूरी का संयुक्त हवाई अभ्यास किया था, जिसमें H-6, Tu-95 और J-16 जैसे विमान शामिल थे, जो जापान के आसपास चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी को दर्शाता है।
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