परिवार साथ: पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव के लिए पवार परिवार में सुलह
पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव के लिए अजित पवार और शरद पवार की एनसीपी इकाइयों में गठबंधन हुआ। दो साल बाद पवार परिवार राजनीतिक रूप से फिर एकजुट हुआ।
महाराष्ट्र में पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव से पहले पवार परिवार एक बार फिर साथ आता नजर आ रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को घोषणा की कि उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव के लिए गठबंधन कर लिया है। यह सुलह दोनों गुटों के बीच हुए विभाजन के दो साल बाद हुई है।
एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, “पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव के लिए ‘घड़ी’ और ‘तुतारी’ एक हो गई हैं। परिवार एक साथ आ गया है।” उल्लेखनीय है कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न अविभाजित एनसीपी का रहा है, जिसे चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को मूल पार्टी मानते हुए आवंटित किया था। इसके बाद शरद पवार गुट ने ‘तुतारी’ (नगाड़ा/तुरही) को अपना चुनाव चिह्न बनाया।
अजित पवार और शरद पवार वर्ष 2023 में अलग हो गए थे, जब अजित पवार ने महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन किया था। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहा है। पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम, जिसे बृहन्मुंबई नगर निगम के बाद सबसे समृद्ध निकाय माना जाता है, वर्ष 2017 से अविभाजित एनसीपी के नियंत्रण में रहा है।
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अपने भाषण में अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से कड़ी मेहनत करने और चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद बयान देने से बचने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम विकास की राजनीति करते हैं। जिन्होंने इस नगर निगम को कर्ज में डालने की कोशिश की, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएंगे।”
इस सुलह को पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद शुरू हुई राजनीतिक चर्चाओं से भी जोड़ा जा रहा है। हालांकि, पुणे नगर निगम चुनाव को लेकर दोनों गुटों में अब भी असहमति की खबरें हैं।
महाराष्ट्र की 29 नगर निगमों, जिनमें पिंपरी-चिंचवाड़ और पुणे शामिल हैं, के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है।
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