बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने हाल ही में अपने और पत्नी करीना कपूर के रिश्ते के शुरुआती दौर के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनके और करीना के बीच रिश्ते की शुरुआत ‘टेस्ट-मिल इंटरव्यू’ जैसी प्रक्रिया से हुई थी। सैफ ने इसे बहुत पुराने जमाने का तरीका बताया, जिसमें साथी की भावनात्मक संगतता और समझ को परखने की कोशिश की जाती थी।
सैफ अली खान के अनुसार, इस दौर में दोनों ने एक-दूसरे के विचारों, आदतों और जीवन दृष्टिकोण को समझने का प्रयास किया। यह एक तरह से संपर्क और संवाद के माध्यम से साथी की योग्यता और संगतता जांचने का तरीका था। उन्होंने कहा कि इसे आज के नजरिए से थोड़ा पुराने जमाने वाला और औपचारिक माना जा सकता है, लेकिन तब यह तरीका उनके लिए महत्वपूर्ण था।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिश्तों में भावनात्मक संगतता (emotional compatibility) एक मजबूत और स्थायी संबंध की कुंजी होती है। सैफ और करीना का यह अनुभव यह दर्शाता है कि साथी को समझना, भावनाओं को साझा करना और जीवन के नजरिए में मेल बैठाना कितना जरूरी है।
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सैफ ने यह भी साझा किया कि उनके लिए करीना के साथ यह प्रारंभिक दौर रिश्ते की नींव मजबूत करने में मददगार साबित हुआ। यह अनुभव यह सिखाता है कि प्यार और समझ दोनों ही रिश्तों में बराबरी से महत्वपूर्ण हैं।
करीना और सैफ की कहानी यह दिखाती है कि भावनात्मक संगतता के बिना कोई भी रिश्ता लंबे समय तक सफल नहीं हो सकता, और शुरुआती दौर में साथी की व्यक्तित्व और आदतों को समझना आवश्यक है।